प्रतिभा को सलाम

डॉ. घासीराम वर्मा पिलानी में अध्यापन कार्य में संलग्न थे लेकिन अमेरिका में उनकी दी गई श्रेष्‍ठ सेवाओं को भले अमेरिकन कैसे भूल सकते थे। वहां तो प्रतिभा का सम्मान होता है। बस इसी बदौलत दो वर्ष बाद अमेरिका किंग्स्टन की रोडे आयलैंड यूनिवर्सिटी के चैयरमेन का तार घासीराम को पिलानी में मिला। रोडे आयलैंड यूनिवर्सिटी को गणित के प्रोफेसर की तलाश थी; उन्होंने फोरदम यूनिवर्सिटी के प्रो. लेविस से घासीराम का पता ले प्रोफेसर के रूप में काम करने का निमंत्रण पहुंचाया था। तार के बाद नियुक्ति प्रस्ताव आया, जिसमें लिखा था कि आपको एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर देखना चाहते हैं और आपकी सेवा में तनख्वाह के रूप में ११ हजार डॉलर प्रतिवर्ष अर्पित करना चाहते हैं।

डॉ. घासीराम को और क्या चाहिए ? घर बैठे न्यौता आ गया। घासीराम ने वापिस नई दुनिया में जाने का मानस बनाया।