पी-एच.डी.

घासीराम ने रिचर्स प्रोफेसर सेन साहब की सलाह से इंजीनियरिंग विशय 'इलास्टीसीटी` शोध का विशय चुना। पुस्तकालय से पुस्तकें चुनीं और पी-एच.डी. विषय को मजबूती देने लगे। साथ ही ट्योटोरियल के तहत छात्रों को सप्ताह में तेरह पीरियड पढ़ाने भी होते थे। छात्रों के परेशानी भरे सवालों के संदर्भ में पूरी तैयारी की आवश्‍यकता व शोध कार्य की तैयारी से घासीराम किंचित विचलित हुए। निर्णय पर एक बारगी सोचा।