प्रारम्भिक शिक्षा

बालक घीसाराम पांच-छह वर्ष का हो गया तब पिता लादूराम को उनकी शिक्षा-दीक्षा की चिंता हुई। उस समय विद्यालयों का प्राय: अभाव ही हुआ करता था। गांव में विद्यालय नहीं था; सो पांच किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित गांव वाहिदपुरा में निजविद्यालय में उनको प्रारम्भिक अध्ययन के लिए भेजा गया। वहां पर श्री मनीराम जी श्रेष्गुरु थे; उनके सान्निध्य में घीसा ने प्रारम्भिक अध्ययन प्रारम्भ किया। वाहिदपुरा में घीसा की मौसी रहती थी; साल भर वहीं रहकर अध्ययन किया।
अगली साल गांव के साथी कादरखान के साथ सीगड़ी से वाहिदपुरा आना-जाना करने लगे। स्कूल में मनोयोग से सीखते। घर आने पर पिताश्री भी कुछ स्नेहवश
सिखलाते।

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